नवी दिल्ली – राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ), सांख्यिकी आणि कार्यक्रम अंमलबजावणी मंत्रालयाद्वारे जानेवारी 2019-डिसेंबर 2019 या काळामध्ये देशाच्या ग्रामीण भागातील कृषी कुटुंबांच्या परिस्थिती मूल्यांकन सर्वेक्षणाच्या (एसएएस) 77 व्या फेरीनुसार कृषी वर्ष जुलै 2018- जून 2019, राज्य/केंद्रशासित प्रदेशानुसार प्रति कृषी कुटुंबाच्या सरासरी मासिक उत्पन्नाचा तपशील असा आहे.
जुलै 2018 जून 2019 या कृषी वर्षात राज्यनिहाय /केंद्रशासित प्रदेशानुसार सरासरी मासिक उत्पन्न प्रति कृषी कुटुंब (केवळ देय खर्च लक्षात घेऊन)
tate/ Group of UTs | Average monthly income per agricultural household(₹) |
Andhra Pradesh | 10,480 |
Arunachal Pradesh | 19,225 |
Assam | 10,675 |
Bihar | 7,542 |
Chhattisgarh | 9,677 |
Gujarat | 12,631 |
Haryana | 22,841 |
Himachal Pradesh | 12,153 |
Jammu & Kashmir | 18,918 |
Jharkhand | 4,895 |
Karnataka | 13,441 |
Kerala | 17,915 |
Madhya Pradesh | 8,339 |
Maharashtra | 11,492 |
Manipur | 11,227 |
Meghalaya | 29,348 |
Mizoram | 17,964 |
Nagaland | 9,877 |
Odisha | 5,112 |
Punjab | 26,701 |
Rajasthan | 12,520 |
Sikkim | 12,447 |
Tamil Nadu | 11,924 |
Telangana | 9,403 |
Tripura | 9,918 |
Uttarakhand | 13,552 |
Uttar Pradesh | 8,061 |
West Bengal | 6,762 |
Group of N E States | 16,863 |
Group of UTs | 18,511 |
All India | 10,218 |
या मिळकतीमध्ये मजुरीचे उत्पन्न, जमीन भाडेपट्ट्याने मिळणारे उत्पन्न, पीक उत्पादनातून मिळणारे निव्वळ उत्पन्न, जनावरे पालनातून मिळणारे उत्पन्न आणि बिगरशेती व्यवसायातून मिळणारे निव्वळ उत्पन्न यांचा समावेश करण्यात आला आहे. यासंदर्भात केंद्रीय कृषी आणि शेतकरी कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर यांनी आज राज्यसभेत एका लेखी उत्तरात ही माहिती दिली.
शेतकऱ्यांचे उत्पन्न किती असायला हवे यावर शेतकरी संघटनेचे नेते राजु शेट्टी यांचे मत…
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